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शंकराचार्य अधोक्षजानंद ने बांग्लादेश स्थित सुगंधा शक्ति पीठ का किया दर्शन व पूजन

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शंकराचार्य अधोक्षजानंद ने बांग्लादेश स्थित सुगंधा शक्ति पीठ का किया दर्शन व पूजन

-सांसद, जनपद न्यायाधीश समेत तमाम श्रद्धालुओं ने शंकराचार्य का किया जोरदार स्वागत

-स्थानीय लोगों के स्वागत से अभिभूत होकर जगद्गुरु बोले, अब भारत से तमाम श्रद्धालु आएंगे बांग्लादेश शक्ति पीठों का दर्शन करने

-शंकराचार्य की यात्रा के लिए बांग्लादेश सरकार ने किया है उच्च स्तरीय प्रोटोकाल और भारी सुरक्षा व्यवस्था

ढाका । गोर्वधन पीठाधीश्वर जगद्गुरु शंकराचार्य स्वामी अधोक्षजानंद देव तीर्थ जी महाराज ने आज बांग्लादेश स्थित सुगंधा शक्ति पीठ में दर्शन और पूजन किया। इस दौरान शक्ति पीठ के पास सुगंधा नदी में शंकराचार्य ने भगवान शिव का विधिविधान से रुद्राभिषेक भी किया।

इस अवसर पर सुगंधा शक्ति पीठ मंदिर में उपस्थित श्रद्धालुओं को संबोधित करते हुए जगद्गुरु शंकराचार्य देव तीर्थ ने कहा कि उनकी इस धार्मिक यात्रा को लेकर बांग्लादेश के हिन्दुओं और मुसलमानों में जिस तरह का उत्साह है, उसको देखते हुए भारत के सनातन धर्मावलम्बी अब बड़ी संख्या में बांग्लादेश स्थित शक्ति पीठों में दर्शन व पूजन को आएंगे।
शंकराचार्य अधोक्षजानंद आज जब बरीसाल जिला स्थित शिकारपुर के पास सुगंधा शक्ति पीठ पहुंचे तो स्थानीय हिन्दुओं के साथ मुस्लिम समाज के लोगों ने उनका जोरदार स्वागत किया। मंदिर परिसर में शंकराचार्य की आगवानी बांग्लादेश की सत्ताधारी पार्टी अवामी लीग के सांसद पंकज नाथ, जनपद न्यायाधीश अरुनाभ चक्रवर्ती, मंदिर समिति के अध्यक्ष डा. पिजूश कांति दास, महामंत्री दिलीप कुमार सिकदार, शिकारपुर नगर पालिका के अध्यक्ष नजरुल इस्लाम, नगर पालिका की महिला सदस्य रीता दास आदि ने किया। स्थानीय लोगों ने परंपरागत तरीके से जगद्गुरु और उनके साथ गए संतों व विद्वानों के प्रतिनिधिमंडल का स्वागत किया। गांव वालों ने इस अवसर पर बताया कि शायद सैकड़ों साल बाद कोई शंकराचार्य आज यहां माता सुगंधा देवी की पूजा करने आए हैं।

इसके बाद जगद्गुरु देवतीर्थ ने विधिविधान से सुगंधा देवी और शक्ति पीठ के भैरव ़त्रयंबक का पूजन किया। देवी मंदिर के पास ही पवित्र सुगंधा नदी है। शंकराचार्य ने वहां पहुंचकर नदी के पवित्र जल से अपने साथ लेकर चल रहे शिवलिंग का पूजन और रुद्राभिषेक किया। इस दौरान पूरे शिकारपुर क्षेत्र में ‘हर-हर महादेव’ और ‘शंकराचार्य महाराज की जय हो’ के नारे लगातार गुंजायमान हो रहे थे।
शंकराचार्य की इस धार्मिक यात्रा में बांग्लादेश सरकार द्वारा उच्च स्तर का प्रोटोकाल और सुरक्षा की भारी व्यवस्था की गई है।

ढाका से करीब 150 किमी दूर है सुगंधा शक्ति पीठ
सुगंधा शक्ति पीठ बांग्लादेश की राजधानी ढाका से करीब 150 किलोमीटर दूर है। यह शक्ति पीठ शिकारपुर नगर पालिका क्षेत्र में सुगंधा नदी के किनारे स्थित है। पौराणिक ग्रंथों के अनुसार यहां माता की नासिका गिरी थी। इसीलिए इसे नासिका पीठ भी कहा जाता है। इस देवी की शक्ति सुनंदा है और इनके भैरव को त्र्यंबक कहा जाता है। यह मंदिर उग्रतारा के नाम से भी विख्यात है। यह पत्थर का बना हुआ बहुत ही प्राचीन मंदिर है। उग्रतारा सुगंधा देवी के पास तलवार, खेकड़ा, नीलपाद, और नरमुंड की माला है। कार्तिक, ब्रह्मा, विष्णु, शिव, गणेश उनके ऊपर स्थापित हैं।

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